हर कोई बाल रखना चाहता है और सिर और भौंहों जैसे कुछ हिस्सों पर बाल होना अच्छा होता है लेकिन चेहरे, हाथ और पैरों जैसे दिखने वाले हिस्सों पर बाल होना काफी महिलाओं की एक समस्या हैं।
हम हर रोज़ शरीर के अन्य हिस्सों पर बालों की वृद्धि को हटाने और कम करने के अलग अलग तरीकों की खोज में लगे रहते हैं। उम्र के साथ, बाल मोटे और काले हो सकते हैं। ज़रूरत से ज़्यादा बालों का होना हाइपरट्रिकोसिस नाम से जाना जाता है। ऊपरी होंठ और ठोड़ी पर अगर बाल हो तो देखने में बहुत अच्छा नहीं लगता है।
अनावश्यक बाल (Superfluous hair) से मतलब होता है शरीर पर बालों की अवांछित और अत्यधिक वृद्धि है। इसके कई कारण हो सकते है जैसे कि अलग-अलग देशों के लोगों के बालों की ग्रोथ अलग-अलग होती है। इसे रेसियल फैक्टर कहा जाता है। इसके अलावा महिलाओं के शरीर में पुरुष और महिला दोनों तरह के हॉरमोन होते हैं। लेकिन अगर उनके शरीर में पुरुष हॉरमोन ज़्यादा होते हैं, तो उनके शरीर पर बाल ज़्यादा उगते हैं। मेनोपॉज़ के समय महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन विकसित होता है, जिसके कारण अत्यधिक बाल उग आते हैं।
बाल हटाने के तरीके दो श्रेणियों में आते हैं। एक होता है एपिलेशन और दूसरा होता है डिपिलेशन।
एपिलेशन में त्वचा के नीचे जड़ों से अतिरिक्त बाल हटा दिए जाते हैं। एपिलेशन के तरीके हैं: ट्वीजिंग (Tweezing), थ्रेडिंग, वैक्सिंग और लेजर/थर्मोलिसिस/इलेक्ट्रोलिसिस।
डेपिलेशन में केवल त्वचा की सतह से बाल हटाए जाते हैं। डेपिलेशन के तरीके जैसे डेपिलेटरी क्रीम, रेजर।
ट्वीज़िंग, थ्रेडिंग के लिए ध्यान रखने योग्य बाते:
- दोनों भौंहों का आकार एक जैसा होना चाहिए।
- Tweeze के समय एक बार में एक बाल ही चिमटी निकलवाना चाहिए।
- भौंहों के बालों को थ्रेडिंग और ट्वीज़िंग से निकालने से पहले हमेशा टैल्कम पाउडर लगवाए।
- थ्रेडिंग के बाद त्वचा पर एस्ट्रिंजेंट लगवाना चाहिए।
डेपिलेटरी क्रीम में ऐसे रसायन होते हैं जो बालों को घोल देते हैं ताकि उन्हें पोंछा जा सके या धोया जा सके। चूँकि इन्हें त्वचा पर लगाया जाता है, इसलिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ये त्वचा को नुकसान न पहुँचाएँ।
Important Points:
- पैच टेस्ट/एलर्जी टेस्ट कान के पीछे या कोहनी के अंदर किया जाना चाहिए। डेपिलेटरी क्रीम की थोड़ी मात्रा लें और इसे इस्तेमाल करने से 24 घंटे पहले एलर्जी टेस्ट करें क्योंकि कभी-कभी प्रतिक्रिया होने में 24 घंटे लग सकते हैं।